Saturday, September 09, 2006

सूक्ष्म शिल्पकारी


रसिकबिहारी अवधिया रायपुर के जाने माने शिल्पकार हैं । इनकी मिट्टी की कलाकृतियों की कई प्रदर्शनी देश के बड़े-बड़े शहरों में लग चुकी हैं । दर्शक दंग रह जाते हैं कि ये इतनी सूक्ष्म महीन छोटी गणेश की प्रतिमा कैसे बना लेते हैं ? इसी तरह गणेश की दर्जन भर ऐसी मूर्तियाँ जिसे सूक्ष्मदर्शी यंत्र से ही देखी जा सकती थी उसे दर्शक बारी बारी से अवलोकन कर प्रशंसा कर रहे थे ।

रमेश ने कहा, “लगता है यह दुनिया की सबसे छोटी मूर्ति है ।“

रसिक बिहारी ने कहा कि आपने चावल के दाने में राम-राम और कृष्ण-कृष्ण आदि लिखते हुए देखा है परंतु यह काम उन सबसे अलग हटकर है।

दर्शकों के बीच बहस छिढ़ गयी कि कौन-सी मूर्ति सबसे छोटी है ? रमेश ने अखबार में छपी उस खबर का वास्ता देकर बताया कि सबसे छोटी गणेश की प्रतिमा रामलखन बालोदवाले ने बनायी है ।

बहस को विराम देते हुए मैंने दोनों को समझाया कि आज के युग में अणु एवं परामाणु के बराबर भी मूर्ति शिल्प बनाने का दावा कर सकते हैं । सच तो यह है कि इस प्रतिस्पर्धी दौर में हर शिल्पकार अपनी-अपनी कृति को अपने ढंग से अलग-अलग अर्थों में समझाता है ।

रसिक बिहारी इस विवाद में न पड़ कर रमेश को अपनी सूक्ष्म कलाकारी का गूढ़ अर्थ बताया और अगले प्रदर्शनी की तैयारी में जुट गया ।
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1 comment:

pallavi said...

sir shayad aap mujhe bhul gay hai.
sir main bhi aap se bahut kuch sikhna chhahti hu or ho saky to aap ka sath kaam bhi karna chhahti hu.kya aap mujhe 1 awsar dengy?
pallavi shilpi kachalwar
raipur (c .g)